इंसान का असली चरित्र सामने तब आता
है
जब वो नसे में होता है
नशा चाहे पैसे का हो,
रूप का हो या शराब का
कोई नामुमकिन सी बात को
तू मुमकिन कर के तो दिखा
खुद पहचान लेगा जमाना तुझे भीड़ से तू
अलग चलकर तो दिखा
अगर एक सुन्दर और ऊँची
प्रेम कहानी चाहिए
तो पहले एक सुन्दर और ऊँचा
जीवन पैदा करो
वैज्ञानिक से विज्ञानं सीखो
व्यापारी से व्यापार सीखो
पर जीवन या तो जीवन से सीखो
या गुरु से
जन बुझ कर गलत निर्णय लेने को
लाचारी नहीं मक्कारी कहते है
लाचार का इलाज है सहायता
और मक्कार का इलाज है सजा
पहला कदम ठीक उठाओ
उसका अगला अपने आप ठीक उठ जायगा
क्योकि अगला कदम पर तुम,”तुम नहीं रहोगे
जिंदगी में जो भी हासिल करना हो
उसे वक्त पर हासिल करो
क्युकी जिंदगी मौके कम
और धोखे जादा देती है
मैदान में हारा हुआ इंसान
फिर से जित सकता है
लेकिन मन से हारा हुआ इंसान
कभी नहीं जित सकता
जो कल था उसे भूलकर तो देखो
जो आज है उसे जीकर तो देखो
आने वाला पल खुद संवर जायेगा
पीठ हमेसा मजबूत रखनी चाहिए
क्युकी शाबासी और धोखा
दोनों पीछे से ही मिलते है